माँ दुर्गा आरती लिरिक्स भजन हिंदी में।
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माँ दुर्गा आरती लिरिक्स भजन हिंदी में।

माँ दुर्गा आरती लिरिक्स भजन हिंदी में। – Maa Durga aarti lyrics bhajan Hindi mein – Durga aarti Lyrics in Hindi.

नमस्कार दोस्तों माता दुर्गा की शक्ति से तो हम सभी परिचित हैं और माता दुर्गा के अवतारों के बारे में भी हम नवरात्र में अच्छे से समझ सकते हैं लेकिन आप यदि माता दुर्गा की पूजा कर रहे हैं तो आपको उनकी आरती अवश्य आनी चाहिए इसीलिए आज हम माता दुर्गा की आरती के लिरिक्स हिंदी में लेकर आए हैं जिनको पाने के बाद आप माता दुर्गा को अत्यधिक प्रसन्न कर सकते हैं इसलिए यदि आप भी दुर्गा मां की पूजा करने जा रहे हैं तो इस भजन को अवश्य याद रखें।

माता दुर्गा दानव का वध करने के लिए अवतार लेते हैं और सभी को मुसीबत से दूर रहती हैं इसलिए सभी को माता दुर्गा की आरती अवश्य करनी चाहिए ताकि आने वाली जीवन में जितने भी शत्रु और दुख आपका सामने आने वाले हैं तो वह जल्द ही खत्म हो जाए।

दुर्गा आरती लिरिक्स हिंदी में।

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।

तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ टेक ॥

मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।

उज्जवल से दो‌उ नैना, चन्द्रबदन नीको ॥ जय 0

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।

रक्त पुष्प गलमाला, कण्ठन पर साजै ॥ जय0

केहरि वाहन राजत, खड़ग खप्परधारी ।

सुर नर मुनिजन सेवक, तिनके दुखहारी ॥ जय 0

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।

कोटिक चन्द्र दिवाकर, राजत सम ज्योति ॥ जय 0

शुम्भ निशुम्भ विडारे, महिषासुर घाती ।

धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥ जय 0

चण्ड मुण्ड संघारे, शोणित बीज हरे ।

मधुकैटभ दो‌उ मारे, सुर भयहीन करे ॥ जय 0

ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी ।

आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥ जय 0

चौसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरुं ।

बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु ॥ जय 0

तुम हो जग की माता, तुम ही हो भर्ता ।

भक्‍तन् की दुःख हरता, सुख-सम्पत्ति करता ॥ जय 0

भुजा चार अति शोभित, खड़ग खप्परधारी ।

मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥ जय 0

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।

श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति ॥ जय 0

श्री अम्बे जी की आरती, जो को‌ई नर गावै ।

कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै ॥ जय 0

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