नाग देवता की आरती लिरिक्स।
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नाग देवता की आरती लिरिक्स हिंदी में।

नाग देवता की आरती लिरिक्स हिंदी में। – Naag devta ki aarti lyrics in Hindi.

दुनिया बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें सर्प दोष होता है या ऐसे लोग हैं जो सांप आपसे बहुत ही डरते हैं किंतु हिंदू धर्म में सांपों को भगवान शंकर और विष्णु जी का बहुत ही प्रिय दास माना जाता है यदि आप नाग देवता की आराधना करते है तो आपको निश्चित ही भय से मुक्ति मिलेगी।

और साथ ही आपके शत्रुओं का भी विनाश होगा आज हम आपको नाग देवता की आरती के लिरिक्स हिंदी में बताएंगे।

यदि आप इस आरती का पाठ रोजाना करेंगे तो आपको निश्चित ही सफलता मिलेगी और आपके जीवन में नए-नए मार्ग खुलेंगे क्योंकि माना जाता है कि नाग आपके शत्रुओं का नाश करता है आपको आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करता है।

नाग देवता की आरती लिरिक्स।

आरती कीजे श्री नाग देवता की ,भूमि का भार वहनकर्ता की।
उग्र रूप है तुम्हारा देवा भक्त,सभी करते है सेवा।।

मनोकामना पूरण करते ,तन-मन से जो सेवा करते।
आरती कीजे श्री नाग देवता की ,भूमि का भार वहनकर्ता की।।

भक्तो के संकट हारी की आरती कीजे श्री नागदेवता की।
आरती कीजे श्री नाग देवता की ,भूमि का भार वहनकर्ता की।।

महादेव के गले की शोभा ग्राम देवता मै है ।
पूजा श्ररेत वर्ण है तुम्हारी धव्जा।।

दास ऊकार पर रहती क्रपा सहसत्रफनधारी की।
आरती कीजे श्री नाग देवता की ,भूमि का भार वहनकर्ता की।।

आरती कीजे श्री नाग देवता की ,भूमि का भार वहनकर्ता की।

||ॐ हँ जू स: श्री नागदेवतायेनमोनम:||

||ॐ श्री भीलट देवाय नम:||

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