पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु के बाद संयोगिता का क्या हुआ?
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पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु के बाद संयोगिता का क्या हुआ?

पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु के बाद संयोगिता का क्या हुआ – पृथ्वीराज चौहान की पत्नी संयोगिता थीं। पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु के बाद, उनकी पत्नी संयोगिता ने जौहर करने का फैसला किया। लेकिन मोहम्मद गोरी का सेनापति कुतुबुद्दीन संयोगिता सहित हजारों हिंदू महिलाओं को अपने हरम में रखना चाहता था। इसीलिए पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु के बाद उन्होंने किले के बाहर डेरा डाला।

लेकिन कुतुबुद्दीन के लिए सबसे बड़ी समस्या यह थी कि किले के बाहर एक विशाल खाई थी जिसमें जमुना नदी का पानी बहता था और साथ ही दुश्मन के लिए इस किले की दीवार को पार करना और तोड़ना असंभव था। इसलिए कुतुबुद्दीन बहुत निराश हुआ।

फिर भी, उसने संयोगिता को मारकर ही वापस जाने का फैसला किया और अपने सैनिकों को इस अंतर को उन सभी हिंदू नागरिकों की लाशों से भरने का आदेश दिया, जिन्हें गुलामों के रूप में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद, उन दासों की लाशों पर चढ़ने और किले की दीवार को तोड़ने का प्रयास किया गया।

जब खाई लाशों से भर गई, तो उसी लाशों को हाथियों की पेशकश की गई और हाथियों ने किले का दरवाजा तोड़ने की कोशिश की। लेकिन दरवाजों पर भारी फाटक थे जो हाथियों से भी नहीं टूट रहे थे। हर तरफ से निराशा के बाद अंत में जयचंद के पुत्र धीर चंद को किले के सामने खड़ा किया गया।

धीरचंद के शरीर में जब हाथी टकराए तो वह किले से चिपक गया और किले का गेट भी टूट गया। लेकिन तब तक महारानी संयोगिता, रानी प्रथा और हजारों हिंदू वीरांगनाओं ने अपने पतियों के लिए जौहर कर लिया। क़ुतुबुद्दीन क़िले के अंदर पहुँचा तो उसे ठंडी चिता की राख मिली। बहादुर महिलाओं के बलिदान को देखकर कुतुबुद्दीन हैरान रह गया।

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