सोलह/16 सोमवार व्रत के नियम क्या हैं?
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सोलह/16 सोमवार व्रत के नियम क्या हैं?

सोलह/16 सोमवार व्रत के नियम क्या हैं? – लड़का हो या लड़की मनचाहा जीवनसाथी पाने का उपाय सोलह सोमवार का व्रत है। शास्त्रों के अनुसार 16 सोमवार का व्रत जातक की भौतिक सांसारिक कामनाओं की पूर्ति के शक्तिशाली उपाय के रूप में सबसे महत्वपूर्ण व्रत है।

यदि कोई भी दु:खी लड़का या लड़की भगवान शिव की आराधना कर इन सोलह सोमवार के व्रतों को करता है तो उसे मनचाहा जीवनसाथी उसकी इच्छा के अनुसार प्राप्त होता है।

वैसे तो इस व्रत को हर उम्र और हर वर्ग के लोग कर सकते हैं, व्रत करना आसान है, लेकिन मनोकामना पूर्ति के लिए किए जा रहे व्रतों में दुनिया के कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है, नहीं तो मनोवांछित फल प्राप्त नहीं होता

सोलह/16 सोमवार व्रत के नियम

1- सोलह सोमवार व्रत करने से पहले विवाहित पुरुष/महिला को ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

2- सूर्योदय से पहले उठकर जल में एक चुटकी काले तिल डालकर स्नान करने के बाद सूर्य को हल्दी मिश्रित जल अर्पित करें.

3- अब भगवान शिव की पूजा करें, सबसे पहले शिवलिंग को तांबे के बर्तन में रखें.

4- वैसे तो भगवान शिव को अर्पित करने के लिए शुद्ध गंगाजल या सामान्य जल में गंगाजल मिलाया जाता है, लेकिन विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए गाय का दूध, दही, घी, शहद, चने की दाल, सरसों का तेल, काला तिल आदि अर्पित करें.

5- सभी वर्णित वस्तुओं को चढ़ाने के बाद ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करें और सफेद फूल, सफेद चंदन, चावल, पंचामृत, सुपारी, मौसमी फल और गंगाजल से शिव-पार्वती की पूजा करें।

6- अभिषेक के दौरान पूजा विधि के साथ-साथ मानसिक जाप या मंत्रों के उच्चारण का भी बहुत महत्व माना गया है। महामृत्युंजय मंत्र, शिव पंचाक्षरी मंत्र, या अन्य शिव के मंत्र, भजन, आदि।

7- भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करने के बाद 16 सोमवार व्रत कथा अवश्य पढ़ें।

8- आरती करने के बाद भोग का भोग लगाएं और प्रसाद को परिवार में बांटकर स्वयं ग्रहण करें।

9- उपवास के दिन यदि संभव हो तो बिना नमक, चीनी और बेस्वाद भोजन ग्रहण करें।

10- दिन में बिल्कुल न सोयें।

11- हर सोमवार को सोलह सोमवार तक पूजा का एक ही समय निर्धारित करें।

12- सोलह सोमवार तक एक ही प्रसाद या भोजन एक ही समय पर ग्रहण करें।

13- प्रसाद में गंगाजल, तुलसी, लौंग, चूरमा, खीर और लड्डू आदि अपने सामर्थ्य के अनुसार चुनकर ग्रहण करें।

14- सोलह सोमवार तक भोजन कर लें और एक ही निश्चित स्थान पर बैठ जाएं, प्रसाद ग्रहण करते समय या भोजन करते समय इधर-उधर न हिलें।

15- सोलह सोमवार प्रत्येक सोमवार विवाहित जोड़े को कोई न कोई उपहार दें। याद रहे उसी जोड़े को सोलह सोमवार तक उपहार दें। (उपहार फल, कपड़े या मिठाई हो सकता है) आदि।

16- सोलह सोमवार तक निर्धारित प्रसाद और पूजा के नियम और समय खंडित न होने दें और मन, चिंतन, वाणी, कर्म से पवित्र रहें

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One Reply to सोलह/16 सोमवार व्रत के नियम क्या हैं?

  1. Puja ka konsa time nishit ho a chaiye subhah ka ya shaam ka .agr subhah ka time har baar ek jaisa nahi ho paaye to kya kare

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