व्याकरण (Grammar) क्या है?
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व्याकरण (Grammar) क्या है? इसके अंग क्या है?

व्याकरण (Grammar) क्या है? इसके अंग क्या है? – व्याकरण (Grammar) भाषा संबंधी प्रचलित नियमों की व्याख्या ही व्याकरण है।

व्याकरण (Grammar) क्या है?

किसी भाषा के सर्वमान्य रूप को सुरक्षित रखने के लिए उसका अपना व्याकरण होना आवश्यक होता है। व्याकरण से वह भाषा सुरक्षित तथा व्यवस्थित रहती है। व्याकरण की शाब्दिक उत्पत्ति वि + आ + कृ धातु + ल्युट् प्रत्यय के रूप में की जाती है। इसका अर्थ है- “जिसके द्वारा अर्थ स्वरूप से शब्द सिद्धि हो।” यह भाषा का शासक न होकर अनुशासक है अर्थात् इसके द्वारा भाषा को व्यवस्थित किया जाता है। व्याकरण भाषा का व्यावहारिक विश्लेषण है।

व्याकरण के अंग (Parts of Grammar)

व्यावहारिक विश्लेषण के आधार पर व्याकरण के प्रमुख रूप से चार अंग माने जाते हैं-

  • (क) वर्ण विचार (Phonology)
  • (ख) शब्द विचार (Morphology)
  • (ग) वाक्य विचार (Syntax)
  • (घ) पद विचार (Phrasology)

(क) वर्ण विचार

व्याकरण के जिस विभाग में उसकी लघुत्तम इकाई वर्णों का आकार, उच्चारण,
वर्गीकरण, उसके संयोग तथा संधि के नियमों पर विचार किया जाता है, उसे वर्ण विचार कहते हैं।

(ख) शब्द विचार

व्याकरण के जिस विभाग में शब्दों के भेद, व्युत्पत्ति और रचना आदि संबद्ध नियमों के
विषय में विचार किया जाता है, उसे शब्द विचार कहते हैं।

(ग) वाक्य विचार

व्याकरण के जिस विभाग में वाक्यों के भेद, उपभेद, उनके संबंध, वाक्य विश्लेषण,
संश्लेषण और विराम-चिह्नों आदि के विषय में विचार किया जाता है, उसे वाक्य विचार कहते हैं।

(घ) पद विचार

व्याकरण के जिस विभाग में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, (विकारी पद और
अविकारी पदों) के स्वरूप तथा प्रयोग के विषय में विचार किया जाता है, उसे पद विचार कहते हैं।

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